संस्थान द्वारा अब तक 47 ग्रन्थों का प्रकाशन किया गया है, जिसमें संस्कृत वाड्.मय का वृहद इतिहास का प्रकाशन अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही साहित्यरत्न मंजूषा ग्रन्थ का प्रकाशन किया गया है। संस्कृत संस्थान द्वारा षाण्मासिक शोध पत्रिका परिशीलनम का प्रकाशन होता है। इसके अतिरिक्त संस्कृत वाड्.मय में महिलाओं का योगदान व स्थान, दर्शन तत्व विमर्श तथा व्याकरण तत्व विमर्श का प्रकाशन किया गया है। पौरोहित्य कर्म प्रशिक्षक, व्यावाहारिक संस्कृत प्रशिक्षक पुस्तक के संशोधित संस्करण अत्यन्त लोकप्रिय है।